Tuesday, 10 January 2012

कुलजीत के लिए एक नज़्म

तेरे जाने के बाद ...

बस वक़्त बदला है थोड़ा सा 
थोड़े से लोग बदले हैं 
चेहरे, रिश्ते, राबते
कुछ कुछ तब्दील भी हुआ है 
तेरे जाने के बाद  

ख़याल 
अपने आप को बदलना चाहतें हैं 
पर अटके से रहतें हैं 
इख्लाकों की कुंडीयों पे, 
मौसम भी बदला है शहर का 
बारिशें होतीं हैं आजकल 
पर कहीं कहीं इस रुत्त में 
तन्हाई भी बरसती है,

जयंती की पहाड़ी पर ...
Balvinder Singh.

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